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School College Holidays : यूपी में स्कूल कॉलेज बंद इंटरनेट भी सरकार का आदेश

यूपी के गैंगस्टर के मौत के बाद यूपी में कई जगहों पर धारा 144 लगा दिया गया है और कई क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं भी बांध किया गया है अगर आपको भी इसके बारे में पूरा डिटेल्स में जानकारी चाहिए तो नीचे बताया गया ध्यान पूर्वक जरूर पढ़ें ।

हत्याकांड के बाद उत्तर प्रदेश के आलाधिकारी विशेष विमान से प्रयागराज रवाना हो गए हैं. डीजीपी आर के विश्वकर्मा, स्पेशल डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार रवाना, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद देर रात तक प्रयागराज पहुंचेंगे।

विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने एक बयान ।

विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने एक बयान जारी कर कहा, ”उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने प्रयागराज की घटना का संज्ञान लिया है। उन्होंने तत्काल उच्‍च स्‍तरीय बैठक बुलाई और पूरे मामले की उच्‍च स्‍तरीय जांच के आदेश दिये हैं।” बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग के गठन के भी निर्देश दिये हैं। अधिकारियों ने कहा कि घटना के बाद राज्य के सभी जिलों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।

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धारा 144 को लागू करने की मंशा लोगों को एक जगह पर जुटने से रोकना है। शांति कायम करने या किसी आपात स्थिति से बचने के लिए इसे लगाया जाता है।

धारा 144 लगने पर क्‍या होते हैं नियम?

धारा 144 लगने पर इलाके या क्षेत्र में 5 या उससे ज्यादा व्‍यक्तियों के एक साथ जमा होने पर रोक होती है। यानी यूपी में कहीं भी अब 5 या उससे ज्‍यादा लोगों के जुटने की मनाही होगी। इसका पालन न करना कानून का उल्‍लंघन माना जाएगा। धारा 144 लागू करने के लिए इलाके के जिलाधिकारी नोटिफिकेशन जारी करते हैं। धारा 144 लागू होने के बाद जरूरत पड़ने पर इंटरनेट सेवाओं को बंद किया जा सकता है। यूपी के मामले में ऐसा किया गया है। क्षेत्र या इलाके में हथियारों को ले जाने पर पाबंदी होती है।

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धारा 144 का उल्लंघन करने पर क्‍या होता है सजा का प्रावधान?

धारा 144 का उल्लंघन करने पर सजा के कड़े प्रावधान हैं। अगर कोई नियमों के विरुद्ध जुटता है तो उस व्‍यक्ति या व्‍यक्तियों के समूहों के खिलाफ दंगे में शामिल होने का मामला दर्ज किया जाता है। इस तरह के मामले में अधिकतम 3 साल कैद की सजा है।

कर्फ्यू से कैसे अलग है धारा 144?

धारा 144 का कर्फ्यू से लेनादेना नहीं है। कर्फ्यू के दौरान लोगों को एक खास अवधि के लिए घर के अंदर रहने का आदेश होता है। धारा 144 में किसी के बाहर आने-जाने पर रोक नहीं होती है। बस, एक साथ लोगों के जुटने की मनाही होती है। कर्फ्यू कुछ निश्चित समय के लिए लग सकता है। कर्फ्यू के दौरान सिर्फ आवश्यक सेवाओं की आवाजाही की अनुमति होती है। इस दौरान ट्रैफिक पर पूरी तरह पाबंदी होती है।

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क्‍या बिल्‍कुल न करें?

अतीक और अशरफ की हत्‍या का मामला काफी संवेदनशील है। लिहाजा, सोशल मीडिया पर भड़काऊ मैसेज कतई फॉर्वर्ड नहीं करें। इस तरह के मैसेज और वीडियो फॉर्वर्ड करने पर भी कार्रवाई की जा सकती है। इसीलिए शासन ने इंटरनेट सेवाओं को बंद करने का फैसला ल‍िया है। 

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