Sahar India: सहारा इंडिया कैसे डूबा जाने विस्तार से पूरी कहानी।।

  1. Sahar India: सहारा इंडिया कैसे डूबा जाने विस्तार से

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देश में हर एक आदमी अपनी कमाई से कुछ पैसा बचा कर सेविंग प्लान में निवेश करता है। वह इसलिए ताकि जब किसी जिंदगी के मोड़ पर पैसे की जरूरत हो तो सेविंग में रखे पैसे काम आए। उन्हें एक मुफ्त पैसे मिले और और बच्चे के पढ़ाई, बेटी की शादी, अपने घर मकान बनवा सके। लेकिन जब निवेश किया ही पैसा डूब जाए तो सोचिए तब आपको कैसा लगेगा, जो पैसे आपने पाई पाई जोड़ कर अपने खून पसीने की कमाई का एक-एक पैसा जोड़कर भविष्य के लिए सुरक्षित रखे थे। और वही पैसा डूब जाए। ऐसे में सभी निवेशक का उम्मीदों और सपनों पर पानी फिर जाएगा।

ऐसा ही कुछ घटना सहारा इंडिया (Sahara India)  में निवेश करने वालों के साथ ही हुआ है। कई ऐसे निवेशक है जिनका पैसा सहारा इंडिया में फंसा हुआ है। और वह अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा लेने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। सभी निवेशकों का यह नहीं समझ में आ रहा कि आखिर पैसा मिलेगा या नहीं। यह सब पूरा मामला है क्या इसे समझने के लिए सहारा इंडिया (Sahara India)  के पूरा इतिहास को खंगालना होगा। आइए हम आपको बताते हैं सहारा इंडिया परिवार की अर्श से फर्श तक की कहानी, निवेशक जानने के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ते रहें।

How Sahara India Company Drowned

भारत में भले ही दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है। और भले ही बिजनेस को स्टार्ट अप करना आज आसान हो गया है। आज ऑनलाइन के मुकाबले बिजनेस को चुटकी भर में चालू कर दिया जाता है। लेकिन यह बात है साल 1978 की, जब एक शख्स ने अपना बिजनेस एक साइकिल और एक स्कूटर से बिजनेस शुरू की और उस शख्स है सुब्रत राय (Subrat Rai) , बिहार के अररिया के रहने वाले सुब्रत राय ने मात्र ₹2000 की पूंजी से यह बिजनेस स्टार्ट की थी। और आज सहारा का नेटवर्क दो लाख करोड़ रुपए का है।

ऐसा कहा जाता है कि सपने देखने में सुब्रत राय (Subrat Rai)  शुरू से ही माहिर थे। और यही वह वजह थी कि उन्होंने सहारा इंडिया की नींव रखी। उन्होंने पारा बैंकिंग की शुरुआती की जिसमें गरीब और निचले स्तर पर रहने वाले लोगों से पैसा जमा करवाया गया। फिर यह टीम देश के गलियों गलियों में मशहूर होते चला गया। और लोग जुड़ते चले गए। हालांकि सरकार द्वारा 1979-80 में इस पर लो रोक लगाया। इसके बाद सुब्रत राय ने हाउसिंग डेवलपमेंट सेंटर (sahara india housing corporation limited) में कदम रखा। उसके बाद सुब्रत राय ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। और यही कारण था कि सहारा आसमान की ऊंचाइयों को छूता गया।

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फाइनेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर, हाउसिंग, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट, मैन्युफैक्चरिंग आइक्यू सेंटर में सहारा इंडिया का पंख फलता चला गया। और देखते-देखते सहारा इंडिया देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर होता चला गया।

सहारा के पास कुल सम्पति (Sahara India Latest News) 

जैसी जैसी सहारा इंडिया का कारोबार फैलता गया। वैसे वैसे सुब्रत राय (Sahara India Subrat Rai)  की संपत्ति भी दुगनी चौगुनी होती गई। सुब्रत राय अपने लाइफ स्टाइल के लिए मशहूर होते चले गए। सहारा की ईएसेस्ट की बात करें तो अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर मे 4402 करोड रुपए के दो होटल है। इन होटल का नाम है न्यूयॉर्क ताजा होटल, ड्रीम न्यूयॉर्क यह होटल दुनिया के सबसे मशहूर होटल है। इसके अलावा शहर के पास मुंबई के एंबी वैली में 13 एकड़ जमीन का डेवलपमेंट वाइट, मुंबई में 106 करके जमीन, लखनऊ में 191 एकड़ की जमीन, और साथ ही साथ देश के 10 अलग-अलग शहरों में 764 एकड़ की जमीन है।

लखनऊ में सुब्रत राय का घर  (Sahara India News Today)

बता दी कि लखनऊ में सुब्रत राय का घर किसी आलीशान महल से कम नहीं है। यहां जो तमाम ऐसो आराम की चीजें हैं। जिनकी कल्पना एक आम आदमी नहीं कर सकता है। सहारा सिटी के नाम से मशहूर राजनीतिक दल के साथ-साथ फिल्मी जगत के लोगों के साथ भी रही है। मुलायम सिंह से और अमर सिंह से उनके करीबी रिश्ते थे। सुब्रत राय का धमक का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं। जब उन्होंने अपनी दोनों बेटे को शादी की थी। तब देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई, अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय, सचिन तेंदुलकर समित कई राज्य के मुख्यमंत्री, राजपाल की शादी में शरीक हुए थे।

एक वक्त था जब सहारा इंडिया राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर अपनी अलग पहचान बनाई हुई थी। एक वक्त था जब सहारा देश की टॉप कंपनियों में शामिल हुआ करता था। और यहां तक 2013 में टाइम मैगजीन भारतीय रेलवे के बाद दूसरी सबसे ज्यादा नौकरी देने वाली संस्था बताया था।

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आपको बता दें कि कई सालों तक टीम इंडिया का स्पॉन्सरशिप बेसहारा के पास रहा। यहां तक कि विजय माल्या फॉर्मूला वन टीम का 42% हिस्सा भी सहारा खरीद चुका था। सहारा ने एयरलाइन में भी हाथ आजमाया था। जिसके बाद उसे बंद भी करा दिया गया था। लेकिन जब एक वक्त आया जब सुब्रत राय का पतन शुरू हो गया। तब किसी ने नहीं सोचा होगा कि सुब्रत राय के दिन ऐसी फिरेंगे कि फिर उन्हें जेल की हवा तक खानी पड़ेगी।

सहारा के बुरे दिन की शुरुआत (How Sahara India Company Drowned)

साल 2009 में सहारा अपनी दो कंपनियां सहारा इंडिया रियल एस्टेट, सहारा इंडिया हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन, को शेयर बाजार में लिस्ट करना चाहती थी। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। इससे पहले ही तारा इंडिया पर कई संगीन आरोप लगाए जाने लगे। आरोप यह लगाया गया है कि आरयन अपने निवेशकों को पैसों को गलत रूप से इस्तेमाल किया है। आज के बाद कंपनी पर आरोप सिद्ध हुए। और सेबी ने सहारा के दोनों कंपनियों पर 12 करोड़ का जुर्माना ठोक दिया।

हाई कोर्ट में क्या हुआ पूरा मामला जानिए (Sahara India High Court News)

आपको बता दें कि यह जुर्माना 2009 में वैकल्पिक रूप से पूरी तरह से कन्वर्ट डिवेंचर्स जारी करने में, रेगुलेटरी नियमों का उल्लंघन को लेकर लगाया गया था। सीबी का आरोप था कि तीन करोड़ निवेशकों का 24 हजार करोड़ सहारा ने जुटाए हैं। जबकि इनकी दोनों कंपनियां शेयर बाजार में इन्वेस्टेड नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों के 24000 करोड रुपए के केस में बताया कि सहारा समूह के तीन डायरेक्टर अशोक राय चौधरी, रवि शंकर दुबे, वंदना भार्गव कोर्ट में पेश हुए। लेकिन सुब्रत राय नहीं पहुंचे जिसके बाद गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। मशहूर वकील जैट मलानी सुब्रत राय का केस लड़ रहे थे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से राहत दिलाने के लिए भरपूर कोशिश की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पाई। और सुप्रीम कोर्ट का रुख सख्त बना रहा।

2011 में सेबी ने सहारा प्रमुख के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की शरण ली। लेकिन इसके बाद भी सहारा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानने को इंकार कर दिया। और कहा कि यह अधिकार सेबी के पास नहीं है। उन्होंने कोर्ट में सहारा के अर्जी को खारिज कर जल्द से जल्द सेबी के पास निवेशकों को 24000 करोड रुपए लौटाने का आदेश दिया। जिसके बाद सहारा की स्थिति और भी खराब होती चली गई।

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How Sahara India Company Drowned

इस पूरी कार्यवाही के दौरान सहारा कई मामलों में फंसता चला गया। इस दौरान रिफंड प्रोसेस में कोर्ट को कई हेरफेर नजर आए। निवेशकों के डाटा का कई गड़बड़ियां नजर आई। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया। दूसरी तरफ सेबी भी सहारा की गड़बड़ झाले को लगातार ट्रैक कर रही थी। सेबी ने साफ तौर पर कहा कि सहारा न सिर्फ सेबी बल्कि सुप्रीम कोर्ट को भी गुमराह कर रहा है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सहारा की सभी बैंक अकाउंट को सील कर दिया गया। तीन किस्तों में पैसा जमा करने की कोर्ट के आदेश की वेल न करने पर सुब्रत राय को गिरफ्तार कर लिया गया। फिर इसके बाद सुब्रत राय 2 साल जेल में बंद रहे।

फिलहाल अभी सुब्रत राय पेरोल पर जेल के बाहर तो हैं। लेकिन उनके द्वारा गड़बड़ किए गए झालो का सबसे बड़ा नुकसान निवेशकों का हुआ है। ऐसे में निवेशक दर-दर भटक रहे हैं। और अब यह कार्यवाही सरकार के अंडर में भी चल रही है। केस लगातार अभी भी चल रहा है। और निवेशक अपना पैसा लेने के लिए कोर्ट के चक्कर या ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं।

एक वक्त था जब सुब्रत राय देश के गरीब परिवार और मध्यम परिवारों के लोगों के दिलों में राज किया करते थे। और यही बात है कि निवेशक सहारा पर आंख बंद करके भरोसा करता था। लेकिन देखते देखते सहारा इंडिया और सुब्रत राय ने लोगों के बीच बने विश्वास को पूरी तरह से खो दिया है। और सहारा पूरी तरह बेसहारा नजर आ रही है।

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