Sahara India Refund Money New Update: सहारा निवेशकों का सारा पैसा मिलने वाला निवेशकोंलिस्ट हुआ जारी
Sahara India Refund New Update : सहारा इंडिया रिफंड लेटेस्ट अपडेट के निवेशक आज अपनी ही जमा रकम के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। आज निवेशक चाहकर भी अपना पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं और खून के आंसू रो रहे हैं। बता दें कि सहारा इंडिया की पॉलिसी से प्रभावित होकर देश के करोड़ों लोगों ने अपना पैसा लगाया था. किसी ने बेटे की पढ़ाई के लिए पैसा जमा किया था तो किसी ने बेटी की शादी की योजना बनाकर।
लेकिन आज उसी पैसे के लिए इधर उधर घूम रहे हैं। हालांकि सहारा इंडिया की ओर से कहा गया था कि निवेशकों का पैसा ब्याज समेत लौटा दिया जाएगा, लेकिन आज तो ब्याज की बात छोड़िए, मूलधन भी नहीं मिल रहा है.
निवेशकों को उनकी जमा राशि क्यों नहीं मिल रही है?
सहारा इंडिया रिफंड ताजा अपडेट देश भर में बड़ी संख्या में लोगों ने सहारा की कंपनियों और योजनाओं में निवेश किया है। ऐसे में सेबी ने सहारा को लोगों का पैसा 15 फीसदी ब्याज के साथ लौटाने का आदेश जारी किया. बाद में इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय को निवेशकों के 24,400 करोड़ रुपये लौटाने को कहा था. इस दौरान सहारा न तो निवेशकों का पैसा लौटाने का सबूत दे पाया और न ही यह बता सका कि पैसा कहां से आया. सहारा के इस स्टैंड पर सुप्रीम कोर्ट ने सहारा के बैंक खाते को फ्रीज करने और उसकी संपत्ति को सील करने को कहा.
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सहारा में जमा अपनी गाढ़ी कमाई के लिए लोग चक्कर लगाने को मजबूर हैं। जिन एजेंटों की मदद से वे अपना पैसा जमा करते थे, उनका अब पता नहीं है। निवेशकों को नहीं पता कि उनकी जमा राशि कब वापस आएगी। जो लोग पैसा जोड़ने के लिए दिन भर मेहनत करते थे, आज उन्हें अपनी जमा पूंजी की चिंता सता रही है। लोगों ने पहले कभी नहीं सोचा था कि उन्हें कभी ऐसी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सहारा की ओर से पिछले महीनों में एक ऐड जारी किया गया था. इसमें सहारा ने कहा था कि हमें भागने को कहा जाता है, लेकिन हमें बेड़ियों में बांधकर रखा गया है. सेबी निवेशकों को भुगतान क्यों नहीं कर रहा है जब उनके पास हमारी 25,000 करोड़ रुपये की जमा राशि है। वहीं, सेबी का कहना है कि दस्तावेजों और रिकॉर्ड में निवेशकों का डेटा ट्रेस नहीं हो पा रहा है, जिसके चलते वह पैसा नहीं दे पा रहा है.
एक समय था जब सहारा देश की सबसे बड़ी निजी कंपनियों में से एक हुआ करती थी। इसमें 11 लाख से ज्यादा कर्मचारी काम करते थे। सहारा इंडिया का कारोबार रियल एस्टेट, फाइनेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट, हेल्थ केयर, हॉस्पिटैलिटी, रिटेल, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से लेकर स्पोर्ट्स तक फैला हुआ था। यह ग्रुप 11 साल तक टीम इंडिया का स्पॉन्सर था। सुब्रत रॉय सहारा आईपीएल में पुणे वॉरियर्स टीम के मालिक भी थे।
साल 2009 में कंपनी ने आईपीओ लाने की योजना बनाई थी। सहारा ने जब सेबी से आईपीओ के बारे में पूछा तो सेबी ने डीआरएचपी यानी कंपनी का पूरा रिज्यूम दिखाने को कहा. सहारा ने दो कंपनियों का नाम रखा- सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड। दस्तावेजों की जांच के दौरान सेबी को शक हुआ। सेबी ने सहारा से उन लोगों के दस्तावेज मांगे, जिनका पैसा उसके पास जमा था। सहारा ने 127 ट्रकों के दस्तावेज सेबी के दफ्तर भेजे। जब सेबी ने इन दस्तावेजों की जांच की तो कई अनियमितताएं सामने आईं, जिसके बाद सेबी ने सहारा के नए ओएफसीडी जारी करने से इनकार कर दिया।