Matric Exam Class- 10th
1. नौबतखाने में इबादत पाठ के केन्द्र में हैं
(A) बिरजू महाराज (B) बिस्मिल्ला खाँ
(C) जाकिर हुसैन (D) इनमें से कोई नहीं
2. कविता नहीं है
(A) एक वृक्ष की हत्या (B) लौटकर आऊँगा फिर
(C) नौबतखाने में इबादत (D) हमारी नींद
3. इबादत का अर्थ है
(A) उपासना (B) इठलाना
(C) ईंट। (D) ईख
4. ‘सुषिर वाद्यों में शाह’ की उपाधि प्राप्त है—
(A) तबला को (B) बाँसुरी को
(C) ढोलक को (D) शहनाई को
5. ‘बिस्मिल्ला खाँ’ का संबंध है-
(A) बाँसुरी से (B) हारमोनियम से
(C) तबला से (D) शहनाई से
6. बिस्मिल्ला खाँ की मृत्यु कब हुई?
(A) 21 अगस्त, 2006
(B) 30 मई, 2000
(C) 12 सितम्बर, 1961
7. फटा सुर न बख्शे लुंगिया का क्या है, आज फटी तो कल सिल जायेगी। उपर्युक्त कथन किसका है?
(A) शम्सुद्दीन (B) अलीबख्श
(C) बिस्मिल्ला खाँ (D) पैगंबर बख्श
Matric Exam Class- 10th
8. संगीत आयोजन की एक प्राचीन एवं अद्भुत परंपरा कहाँ रही है?
(A) काशी (B) डुमराँव
(C) लखनऊ (D) इलाहाबाद
9. शास्त्रों में आनंदकानन के नाम से प्रतिष्ठित है।
(A) डुमराँव (B) काशी
(C) लखनऊ (D) इलाहाबाद
10. उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ का जन्म कहाँ हुआ था ?
(A) बदरघाट, पटना (B)डुमराँव, बिहार
(C) काशी, उत्तरप्रदेश (D) बलिया उत्तरप्रदेश
11. नौबतखाना का अर्थ है
(A) प्रवेश द्वार के ऊपर मंगल ध्वनि बजाने का स्थान (B) पूजाघर
(C) इबादत (D) शिक्षा
12. उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ को मिला है
(A) भारतरत्न (B) संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार
(C) पद्मविभूषण (D) उपर्युक्त सभी पुरस्कार
13. धत् पगली ई भारत रत्न हमको शहनाईया पे मिला है लगिया पे नाहीं। अपने शिष्या से किसने कहा?
(A) बिस्मिल्ला खाँ (B) पैगंबर बख्श
(C) अलीबख्श (D) शम्सुद्दीन
14. ‘नौबतखाने में इवादत’ पाठ में लेखक ने किनका व्यक्तिगत चित्र प्रस्तुत किया है?
(A) पं० बिरजू महाराज (B) महात्मा गाँधी
(C) बिस्मिल्ला खाँ (D) यतीन्द्र मिश्र
15. हिन्दी सिनेमा के जाने-माने गीतकार गुलजार की कविताओं का संपादन यतीन्द्र मिश्र ने किस नाम से किया है?
(A) चार जुलाहे (B) थाती
(C) गिरिजा (D) सहित
16. ‘सुषिर वाद्यों में शाह’ की उपाधि किसे दी गई है ?
(A) शहनाई (B) मुरली
(C) मुरछंग (D) सितार
Matric Exam Class- 10th बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा
17. किस पुस्तक में भरतनाट्यम और ओडिसी की प्रख्यात नृत्यांगना सोनल मान सिंह से यतीन्द्र मिश्र का संवाद संकलित है?
(A) गिरिजा (B) देवप्रिया
(C) यदा-कदा (D) नौबतखाने में इबादत
18. ‘नौबतखाने में इबादत’ साहित्य की कौन-सी विधा है?
(A) निबंध। (B) कहानी
(C) व्यक्तिचित्र (D) साक्षात्कार
19. ‘नौबतखाने में इबादत’ में किनके जीवन के रुचियाँ, अंतर्मन की बुनावट, संगीत साधना आदि गहरे जीवन नुराग और संवेदना के साथ प्रकट हुए हैं?
(A) बिस्मिल्ला खाँ (B) महात्मा गाँधी
(C) पं० विरजू महाराज (D) मैक्समूलर
20. व्यक्ति चित्र है
(A) जित-जित मैं निरखत हैं (B) भारत से हम क्या सीखें
(C) नौबतखाने में इबादत (D) बहादुर
21. प्रसिद्ध शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ का जन्म कब हुआ ?
(A) 1912 (B) 1916
(C) 1925 (D) 1938
22. कमरूद्दीन / उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ के बड़े भाई कौन थे?
(A) अलीबख्श (B) सादिक हुसैन
(C) सलार हुसैन (D) शम्सुद्दीन
23. उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ को रियाज के लिए जाना पड़ता था।
(A) संकटमोचन मंदिर (B) पुराना बालाजी का मंदिर
(C) शिव मंदिर (D) इनमें से कोई नहीं
24. 5-6 वर्ष डुमराँव में बिताकर कमरूद्दीन कहाँ आ गये थे?
(A) लखनऊ (B) बनारस
(C) काशी (D) इलाहाबाद
Matric Exam Class- 10th बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा
25. शहनाई बजाने के लिए किसका प्रयोग होता है?
(A) वीणा (C) रीड नरकट
(B) संतुर (D) सितार
26. रसूलनाबई थी—
(A) कवयित्री (B) कथा वाचिका
(C) गायिका (D) नर्तकी
27. बिस्मिल्ला खाँ के बचपन का नाम था ?
(A) नसरुद्दीन (B) अमीरुद्दीन
(C) समसुद्दीन (D) अमीरूद्दीन
28………. का नाम जुड़ा है?
(A) ईद (B) बकरीद
(D) मिलाद (C) मुहर्रम
29. काशी किसकी पाठशाला है?
(A) संस्कृति की (B) नृत्य की
(C) नर्तन की (D) वादन की
30. बिस्मिल्ला खाँ के परदादा उस्ताद सलार हुसैन खाँ के निवासी थे ?
(A) डुमरॉव (B) सीतामढ़ी
प्रश्न –
(क) नील उत्पादक किसानों की स्थिति कैसी थी?
(ख) किसान नील की खेती क्यों नहीं कराना चाहते थे?
(ग) कृत्रिम नीले रंग का उत्पादन किसने शुरू कर दिया था?
(घ) चम्पारण के बागान मालिक क्या महसूस करने लगे?
(ङ) किसानों को नील की खेती से मुक्ति के लिए कौन-से रास्ते बताये गये?
उत्तर-
(क) नील उत्पादक किसानों की स्थिति बहुत ही दयनीय थी।
(ख) किसान नील की खेती नहीं करना चाहते थे क्योंकि इससे भूमि की उर्वरता कम हो जाती थी।
(ग) जर्मनी के वैज्ञानिकों ने कृत्रिम नीले रंग का उत्पादन शुरू कर दिया था।
(घ) चम्पारण के अधिकांश बगान मालिक यह महसूस करने लगे कि नील के व्यापार में अब उन्हें अधिक मुनाफा नहीं होगा।
(ङ) चम्पारण के किसानों को नील की खेती से मुक्ति के लिए एक बड़ा मुआवजा देने का रास्ता बताया गया।
Matric Exam Class- 10th बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा प्रश्न-
(क) इस अवतरण के आधार पर जन्मभूमि का महत्त्व लिखें।
(ख) देशभक्ति एवं राष्ट्रवाद में क्या अंतर है?
(ग) देशभक्ति का बीज कहाँ छिपा रहता है?
(घ) सामन्तवादी समाज व्यवस्था में व्यक्ति की भक्ति की भावना कहाँ तक सीमित थी?
(ङ) प्रारम्भ और आज की भक्ति भावना में क्या अंतर है? इसमें किन कारणों से विस्तार आया है?
उत्तर-
(क) जननी जन्मभूमि स्वर्गादपी गरीयसी अर्थात् जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी श्रेष्ठ है।
(ख) देशभक्ति भावना या हृदय का अनुराग है जबकि राष्ट्रवाद मस्तिष्क के तर्क से उत्पन्न विचार है।
(ग) देशभक्ति का बीज राष्ट्रवाद के मूल में छिपा रहता है।
(घ) सामन्तवादी समाज व्यवस्था में व्यक्ति की भक्ति भावना शासन के प्रति मोह तक ही सीमित थी।
(ड़) प्रारम्भ में मनुष्य की भक्ति जन्मभूमि तक सीमित थी किन्तु आज धीरे-धीरे उसका विस्तार राज्य की सीमा में बढ़ा है। शिक्षा के प्रसार तथा यातायात की सुविधाओं के साथ मनुष्य का परिचय एक बड़े भूखण्ड से हुआ एवं रीति-रिवाज और संस्कृति की एकता के आधार पर आपस में संबंध स्थापित हुआ। इन्हीं कारणों से आज की भक्ति भावना में विस्तार आया है।
प्रश्न-
(क) जीरादेई की धरती सौभाग्यशाली क्यों है?
(ख) राजेन्द्र बाबू की स्कूली शिक्षा कहाँ हुई?
(ग) परीक्षार्थी राजेन्द्र की उत्तर-पुस्तिका पर क्या अभिशंसा
(घ) राजेन्द्र बाबू को 1950 में राष्ट्रपति पद पर क्यों बिठाया की गई?
(ङ) सिद्ध करें कि राजेन्द्र बाबू को त्याग से भी अहंकार उत्पन्न नहीं
हुआ।
उत्तर—
(क) छपरा की जीरादेई की धरती सौभाग्यशाली है क्योंकि इसी धरती ने हमारी आँखों के तारे देशरत्न डॉ० राजेन्द्र प्रसाद को जन्म दिया था।
(ख) राजेन्द्र बाबू की स्कूली शिक्षा पटना के टी० के० घोष अकादमी में हुई थी।
(ग) परीक्षार्थी राजेन्द्र की उत्तर पुस्तिका पर अभिशंसा की गयी थी—परीक्षार्थी परीक्षक से अधिक योग्य है।’
(घ) राजेन्द्र बाबू को 1950 में भारत के प्रथम राष्ट्रपति के पद पर बैठाया गया क्योंकि उनकी त्याग तपस्या के वशीभूत सभी थे।
(ङ) राजेन्द्र बाबू को त्याग से अहंकार उत्पन्न नहीं हुआ। उन्होंने अपना वेतन दस हजार रुपए से घटाकर ढाई हजार कर लिया। निर्धन देश का राष्ट्रपति मोटी रकम ले—यह उन्हें स्वीकार नहीं था। राष्ट्रपति होने के पश्चात् वे जनता के उतने ही निकट रहे जितने पहले थे।